1) दान देना ही आमदमी का एकमात्र व्दार है। – स्वामी रामतीर्थ
2) यदि किसी युवती के दोष जानना हों, तो उसकी सखियों में उसकी प्रशंसा करो। – बेंजामिन फ्रैंकलिन
3) पैसा आपका सेवक है। यदि आप उनका उपयोग जानते हैं; वह आपका स्वामी है। यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते। – होरेस
4) दुसरे के दोष पर ध्यान देते समय हम स्वयं बहुत भले बन जाते हैं। परंतु जब हम अपने दोषों पर ध्यान देंगे। तो अपने आपको कुटिल और कामी पाएँगे। – महात्मा गांधी
5) जब तक तुममें दूसरों के दोष देखने की आदत मौजूद है। तब तक तुम्हारे लिए ईश्वर का साक्षात्कार करना अत्यन्त कठिन है। – रामतीर्थ
6) ज्ञानवान मित्र ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान है। – युरिपिडिज
7) मुँह के सामने मीठी बातें करने और पीठ पीछे छुरी चलानेवाले मित्र को दुधमुँहे विषभरे घड़े की तरह छोड़ दो। – हितोपदेश
8) सच्चे मित्र को दोनों हाथों से पकड़कर रखो। – नाइजिरियन कहावत
9) उस काम को, जिसे तुम दुसरे व्यक्ति में बुरा समझते हो, स्वयं त्याग दो परंतु दूसरों पर दोष मत लगाओ। – स्वामी रामतीर्थ
10) जब जेब में पैसे होते हैं, तो तुम बुद्धिमान और सुंदर लगते हो तथा उस समय तुम अच्छा गाते भी हो। – स्वीडिश कहावत
2) यदि किसी युवती के दोष जानना हों, तो उसकी सखियों में उसकी प्रशंसा करो। – बेंजामिन फ्रैंकलिन
3) पैसा आपका सेवक है। यदि आप उनका उपयोग जानते हैं; वह आपका स्वामी है। यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते। – होरेस
4) दुसरे के दोष पर ध्यान देते समय हम स्वयं बहुत भले बन जाते हैं। परंतु जब हम अपने दोषों पर ध्यान देंगे। तो अपने आपको कुटिल और कामी पाएँगे। – महात्मा गांधी
5) जब तक तुममें दूसरों के दोष देखने की आदत मौजूद है। तब तक तुम्हारे लिए ईश्वर का साक्षात्कार करना अत्यन्त कठिन है। – रामतीर्थ
6) ज्ञानवान मित्र ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान है। – युरिपिडिज
7) मुँह के सामने मीठी बातें करने और पीठ पीछे छुरी चलानेवाले मित्र को दुधमुँहे विषभरे घड़े की तरह छोड़ दो। – हितोपदेश
8) सच्चे मित्र को दोनों हाथों से पकड़कर रखो। – नाइजिरियन कहावत
9) उस काम को, जिसे तुम दुसरे व्यक्ति में बुरा समझते हो, स्वयं त्याग दो परंतु दूसरों पर दोष मत लगाओ। – स्वामी रामतीर्थ
10) जब जेब में पैसे होते हैं, तो तुम बुद्धिमान और सुंदर लगते हो तथा उस समय तुम अच्छा गाते भी हो। – स्वीडिश कहावत
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