मिसाइल का क्या अर्थ होता है ? या क्या होती है बेलिस्टिक मिसाइल ?
मिसाइल को हिंदी भाषा में प्रक्षेपास्त्र कहा जाता है जो की दो शब्दों से मिल कर बना होता है
(1) प्रक्षेप अर्थात फेकना
(2) अस्त्र यानि की हथियार
और इस प्रकार प्रक्षेपास्त्र का अर्थ होता है हाथ से फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार यानि की ऐसा अस्त्र जिसको प्रक्षेपित किया जा सके |
क्या होती है बेलिस्टिक मिसाइल ?
:: जब किसी भी फेकने वाले हथियार के साथ दिशा निर्देशक यन्त्र लगा होता है तो उसको बेलिस्टिक मिसाइल कहा जाता है और ये प्रक्षेपास्त्र दागे जाने के बाद पृथ्वि के गुरुत्वाकर्षण नियम के अधीन किसी खास लक्ष्य पर गिरता है । यह मिसाइल पहले बहुत ही तेजी से उपर की तरफ जाती है फिर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के द्वारा अत्याधिक् गति के साथ नीचे आते हुए अपने लक्ष्य को भेदती है | बेलिस्टिक मिसाइल सीधे पृथ्वी के वातावरण की सबसे ऊँची परत पर पहुँचती है और फिर वो नीचे की तरफ आती है इसी वजह से इसको बेलिस्टिक मिसाइल कहा जाता है | बेलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता 5000 Km से लेकर 10000 km तक होती है |
क्या होती है क्रूज ( Cruise )मिसाइल :-???
क्रूज का अर्थ होता है समुद्री यात्रा या परिभ्रमण अर्थात जिस प्रकार से हम समुद्र में अपनी नाव को किसी भी कोण पर घुमाते हुए अपने गंतव्य तक पहुच सकते है उसी प्रकार इस मिसाइल को भी दागने के बाद किसी भी दिशा में घुमाया मोड़ा जा सकता है | इसकी यही विशेषता इसको बहुत ही घातक हथियार बनाती है | क्रूज मिसाइल में एक स्वय चालित ताकतवर इंजन लगा होता है जो इसकी गति को नियंत्रित करता हुआ किसी भी दिशा में लक्ष्य को भेद सकता है | इसकी मारक क्षमता बेलिस्टिक मिसाइल से कम होती है | इस मिसाइल की लम्बाई और चोडाई कम होती है और इसमें दिशा निर्देश के लिए छोटे छोटे पंख लेगे होते है |
राकेट और मिसाइल में क्या अंतर होता है ?
मिसाइल और रॉकेट में मुख्या अंतर सिर्फ दिशा निर्देश यंत्र का होता है | रॉकेट को दागने के बाद वो अपने लक्ष्य से इधर उधर गिर सकता है या रास्ते में ही भटक सकता है लेकिन चूँकि
मिसाइल में दिशा निर्देशक यन्त्र लगा होता है और ऐसे में वो अपने लक्ष्य को भेद कर ही रहता है | मिसाइल के चार भाग होते है
(1) दिशा निर्देशक यन्त्र
(2) उड़ान व्यवस्था Flight सिस्टम
(3) इंजन
(4) विस्फोटक मुखास्त्र warhead
भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र
1) नाग प्रक्षेपास्त्र - टैंक भेदी
2)पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र - ज़मीन से ज़मीन
पृथ्वी मिसाइल
ये एक ऐसी मिसाइल है, जिसका इस्तेमाल भारतीय सेना की तीनों इकाईयों- थल, वायु और नौसेना में होता है। तीनों के लिये पृथ्वी मिसाइल के अलग-अलग वर्जन बनाये गये हैं।
पृथ्वी 1: यह खासतौर से थल सेना के लिये बनायी गई है, जिसकी रेंज 150 किलोमीटर है। यह अपने साथ 1000 किलो बारूद ले जाने में सक्षम है। इसे जमीन से दागा जाता है।
पृथ्वी 2: यह विशेष रूप से वायुसेना के लिये बनायी गई है। इसकी मारक्ष क्षमता 250 किलोमीटर तक होती है और 500 किलो बारूद भरा जा सकता है। इसे फाइटर प्लेन से दागा जाता है।
पृथ्वी 3: यह मिसाइल खास तौर से नौसेना के लिये बनायी गई है। किसी भी लड़ाकू जहाज से इस मिसाइल का प्रक्षेपण किया जा सकता है। इसकी रेंज 350 किलोमीटर है।
3) आकाश प्रक्षेपास्त्र - ज़मीन से हवा, निकट दूरी
आकाश ममिसाइल 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर 30 किलोमीटर की दूरी पर उड़ते हुए लड़ाकू विमान को निशाना बना सकती है। इस में परमाणु सामग्री भी भरी जा सकती है। यह एक बार में कई टार्गेट पर निशाना साध सकती है।
4)) त्रिशूल प्रक्षेपास्त्र - ज़मीन से हवा, मध्यम दूरी
5)) अग्नि प्रक्षेपास्त्र - सतह से सतह, मध्यम दूरी
अग्नि मिसाइल
अग्नि-1: इसमें एसएलवी-3 बूस्टर का प्रयोग किया जाता है इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर की होती है। इसमें लिक्विड फ्यूल भरा जाता है। 28 मार्च 2010 में इसका पहला परीक्षण हुआ था। यह मिसाइल अपने साथ परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम है।
(अग्नि 2: ):-परमाणु क्षमता वाली इस मिसाइल की रेंज 3000 किलोमीटर है। यह अपने साथ 1000 किलो सामग्री तक ले जाने में सक्षम है।
(अग्नि 3: ):-जुलाई 2006 में भारत ने अग्नि 3 का सफल परीक्षण किया था। इसकी मारक क्षमता 3000 किलोमीटर तक है। हालांकि इसे 4000 किलोमीटर तक भी बढ़ाया जा सकता है। इसमें 600 से 1800 किलो तक परमाणु सामग्री भरी जा सकती है।
(अग्नि 4:):- 4000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता रखने वाली इस मिसाइल की जद में पूरा पाकिस्तान व आधे से ज्यादा चीन आ सकता है। इसका परीक्षण 2011 में किया गया था। यह भी परमाणु क्षमता वाली मिसाइल है।
(अग्नि 5: ) :-अप्रैल 2012 को अग्नि 5 का परीक्ष
ण किया गया, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। इसकी जद में पूरा चीन आ जाता है। इसकी रेंज 5500 किलोमीटर है, जिसे 7000 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। इसे 2015 को भारतीय सेना को सौंप दिया जायेगा।
कुछ अन्य प्रमुख मिसाइल
1)ब्रह्मोस मिसाइल
यह सुपर सोनिक मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने रूस के एनपीओ के साथ मिलकर बनाया गया है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है। इसमें 300 किलो तक बारूद भरा जा सकता है। इसे थल सेना और नौसेना के लिये बनाया गया है। इसकी गति 2.5 से 2.8 मैक स्पीड है। यह दुनिया की सबसे तेज़ गति से चलने वाली क्रूज़ मिसाइल है। भारत 2011 तक 110 ब्रह्मोस मिसाइलें तैयार कर चुका है। इस साल यह संख्या और बढ़ गई है।
2)निर्भय मिसाइल
नाम से ही पता चलता है कि इस मिसाइल को किसी का डर नहीं। जी हां यह सबसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जिसका इस्तेमाल थल, जल और वायु तीनों सेनाओं के लिये किया जायेगा। निर्भय की रेंज 1000 किलोमीटर होगी। इसका निर्माण डीआरडीओ में चल रहा है। संभवत: इसी साल के अंत तक इसका परीक्षण किया जाये।
3)सागरिका मिसाइल
सागरिका का मतलब होता है समुद्र से पैदा होने वाली। नाम से ही आप समझ गये होंगे कि यह नौसेना के लिये है। इस मिसाइल का प्रक्षेपण सीधे पंडुब्बी से किया जाता है। इसकी लंबाई 8.5 मीटर की है और 500 किलो तक बारूद ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल का निर्माण 1991 में शुरू हुआ और 2001 में तैयार हो गई। उसके बाद नौसेना को दे दी गई। इस मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर है।
4)) धनुष मिसाइल
यह मिसाइल असल में पृथ्वी 3 से बनी है, जो खास तौर से नौसेना में इस्तेमाल होती है। इसकी रेंज 250 से 350 किलोमीटर है। इस मिसाइल का निर्माण डीआरडीओ में साल 2000 में किया गया था। खबर है कि इसके कई अलग-अलग वर्जन आयेंगे। इसे पहली बार आईएनएस सुभद्रा से छोड़ा गया था।
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