1.सोचना विकास है
न सोचना विनास हैं।
2.हार असफलता का दूसरा नाम है।
3.माँ के बाद सिर्फ हिम्मत मनुष्य का साथ देती है जो
जो मनुष्य को कभी हारने नही देती।
4.अक्सर ज़िन्दगी के सवाल, ज़िन्दगी के जबाबो से
कही जयादा कठिन होते है।
5.और मैं, मेरी तु चिंता न कर, मैं तो कर्ण हुँ, हारकर भी अमर होना जानता हुँ मैं...
6.
न सोचना विनास हैं।
2.हार असफलता का दूसरा नाम है।
3.माँ के बाद सिर्फ हिम्मत मनुष्य का साथ देती है जो
जो मनुष्य को कभी हारने नही देती।
4.अक्सर ज़िन्दगी के सवाल, ज़िन्दगी के जबाबो से
कही जयादा कठिन होते है।
5.और मैं, मेरी तु चिंता न कर, मैं तो कर्ण हुँ, हारकर भी अमर होना जानता हुँ मैं...
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