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Sunday, February 26, 2017

*राजस्थान में हस्तकला*

🌎🌎MISSION पटवारी🌎🌎
////// *सफल सिंह* \\\\\\
*राजस्थान में हस्तकला*

*1. सोना, चांदी ज्वैलरी*

1. स्वर्ण और चांदी के आभूषण - जयपुर
*2. थेवा कला - प्रतापगढ़*
कांच पर हरे रंग से स्वर्णिम नक्काशी
*3. कुन्दन कला - जयपुर*
स्वर्ण आभुषणों पर रत्न जड़ाई करना।
*4. कोफ्तगिरी - जयपुर, अलवर।*
फौलाद की वस्तुओं पर सोने के तार की जड़ाई करना।
*5. तहरिशां - अलवर, उदयपुर*
डिजायन को गहरा करके उसमें तार की जड़ाई करना।


*2. संगमरमर पर हस्तकला*

*1. मार्बल की मुर्तियां - जयपुर, थानागाजी(अलवर)*
*2. रमकड़ा - गलियाकोट(डुंगरपुर)*
सोपस्टोन को तराश कर बनाई गई वस्तुएं।
*3. लाख हस्तकला*
1. लाख की चुङियां - जयपुर, जोधपुर
*2. लाख के आभुषण - उदयपुर*

*4. हाथी दांत हस्तकला*

1. हाथी दांत की वस्तुएं - जयपुर, भरतपुर, उदयपुर, पाली
2. हाथी दांत एवं चन्दन की खुदाई, घिसाई एवं पेटिग्स - जयपुर
*5. बंधेज/टाई- डाई/रंगाइ - छपाई*
1.चुनरी - जोधपुर
कपड़े पर छोटी - छोटी - छोटी बिन्दिया
2. धनक - जयपुर, जोधपुर
कपड़े पर बड़ी- बड़ी बिन्दिया
3. लहरिया - जयपुर
कपड़े पर एक तरफ से दुसरी तरफ तक धारिया
4. मोठड़े - जोधपुर
कपड़े पर एक दुसरे को काटती हुई धारियां
5. बेल- बूंटेदार छपाई - सांगानेर(जयपुर)
6. फल-पत्तियां, पशु-पक्षियों की प्रिन्ट - बगरू(जयपुर)
7.लॉडनू प्रिन्ट - लॉडनू(नागौर)
8. गोल्डन प्रिन्ट - कुचामन(नागौर)
9. पोमचा - जयपुर
पीले रंग की ओढनी
10.जाजम प्रिन्ट - चित्तौड़गढ़
11. दाबू प्रिन्ट - अकोला(चित्तौड़गढ़)
12. ओढ़नियों के प्रकार
1. तारा भांत की ओढ़नी - आदिवासी महिलाएं ओढती है।
2. कैरी भांत की ओढ़नी - आदिवासी महिलाएं ओढती है।
3. लहर भांत की ओढ़नी - आदिवासी महिलाएं ओढती है।
4. ज्वार भांत की ओढ़नी - आदिवासी महिलाएं ओढती है।
13. पगङियों के प्रकार
उदयशाही, भीमशाही, अमरशाही, चूणावतशाही, जसवन्तशाही, राठौड़ी, मेवाड़ी।
14. अजरक प्रिन्ट - बालोत्तरा(बाड़मेर)
लाल एवं नीले रंग की ओढ़नी
15. मलीर प्रिन्ट - बालोत्तरा(बाड़मेर)
काला एवं कत्थई रंग लालिमा लिये हुए।
*6. कशीदाकारी*
1. गोटे का कार्य - जयपुर, खण्डेला(सीकर)
गोटे के प्रकार - लप्पा, लप्पी, किरण, गोखरू, बांकली, बिजिया, मुकेश, नक्शी।
2. जरदोजी - जयपुर
कपड़े पर स्वर्णिम धागे से कढ़ाई
7. पॉटरी/चीनी मिट्टी के बर्तन
1.ब्ल्यू पॉटरी - जयपुर
आगमन - पर्शिया(ईरान)
सवाई रामसिंह प्रथम के काल में आगमन
कलाकार - श्री कृपाल सिंह शेखावत
2.ब्लैक पॉटरी - कोटा
3. सुनहरी पॉटरी - बीकानेर
4. कागजी पॉटरी - अलवर

*8. कपड़े की बुनाई*

1. ऊनी कंबल - जयपुर, जोधपुर, अजमेर
2. इरानी एवं भारतीय पद्धति के कालीन - जयपुर, बाड़मेर, बीकानेर
3. वियना व फारसी गलीचे - बीकानेर
4. नमदे - टोंक, बीकानेर
5. लोई - नापासर(बीकानेर)
6. कोटा डोरिया - कैथून(कोटा)
7. मसूरिया - कैथून(कोटा), मांगरोल(बांरा)
8. खेसले - लेटा(जालौर), मेड़ता(नागौर)
9. दरियां - जयपुर, अजमेर, लवाणा(दौसा), सालावास(जोधपुर), टांकला(नागौर)

*9. चित्र हस्तकला*

*1.पिछवाईयां - नाथद्वारा(राजसमंद)*
*2. मथैरण कला - बीकानेर*
पुरानी कथाओं पर आधारित देवताओं के भित्तिचित्र बनाना
*3. उस्तकला - बीकानेर*
ऊंट की खाल पर स्वर्णिम नक्काशी
कलाकार - हिस्सामुद्दीन
*4. टेराकोटा(मिट्टी के बर्तन एवं खिलौने) - मोलेला(राजसमंद),* बनरावता(नागौर), महरोली(भरतपुर), बसवा(दौसा)
कागजी टेरीकोटा - अलवर
सुनहरी टेरीकाटा - बीकानेर
*10. पीतल हस्तकला*
1. पीतल की खुदाई, घिसाई एवं पेटिंग्स - जयपुर, अलवर
2. बादला - जोधपुर
जस्ते से निर्मित पानी को ठण्डा रखने का बर्तन
*11. चमड़ा हस्तकला*
1. नागरी एवं मोजडि़या - जयपुर, जोधपुर
बिनोटा - दुल्हा- दुल्हन की जुतियां
2. कशीदावाली जुतियां - भीनमाल(जालौर)
*12. लकड़ी हस्तकला*
काष्ठकला - जेढाना(डूंगरपुर), बस्सी(चित्तौड़गढ़),
बाजोट - चौकी को कहते हैं।
*कठपुतलियां - उदयपुर*
*लकड़ी के खिलौने - मेड़ता(नागौर)*
*👉लकड़ी की गणगौर, बाजोर, कावड़, चैपडत्रा - बस्सी(चित्तौड़गढ़)*
*13. कागज हस्तकला*
  1. कागज बनाने की कला - सांगानेर, स. माधोपुर
  *2. पेपर मेसी(कुट्टी मिट्टी) - जयपुर*
कागज की लुग्दी, कुट्टी, मुल्तानी मिट्टी एवं गोंद के पेस्ट से वस्तुएं बनाना।
*14. तलवार*
*सिरोही*, अलवर, अदयपुर
*15. तीर कमान*
चन्दूजी का गढ़ा(बांसवाड़ा)
बोड़ीगामा(डूंगरपुर)

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